Hindi Shayari | सामने मंजिल थी और पीछे


Hindi Shayari |

 सामने मंजिल थी और पीछे  उसका वजूद 
क्या करते हम भी यारो रुक ते तो रह जाता 
चलते तो हमसफर रह जाता 




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