Hindi Love Shayari
एक लम्हा थे तुम...
दिन महीने, साल से सदी बन गए हो...
कतरा सा इश्क़ क्या हुआ...
मुहब्बत की नदी बन गए हो...
अजीब चलन है दुनिया का;
दीवारों में आये दरार तो दीवारें गिर जाती हैं;
पर रिश्तों में आये दरार तो दीवारे खड़ी हो जाती हैं
बहोत लोग मिले पर वो महोबत ना मिली,
जिसकी चाहत थी वो किस्मत ना मिली,
जिनके लिये बैठे है इंतजार मे,
उन्हे हमारे लिए एक पल की फुरसत ना मिली।
दिल डूब-डूब जाता था उम्मीद जगती ना थी
हथेली पर गुलाब खिला दें यूँ हमारी हस्ती ना थी
हम कैसे शुक्रिया आभार उपकार कहें आपका
अगर आप ना आते तो यह शाम महकती ना थी।
ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको;
हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं;
बदले बदले से तो आप हैं जनाब;
जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं
एक महबूब लापरवाह,
एक मोहब्बत बेपनाह,
दोनों काफी हैं सुकून बर्बाद करने को..
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