Love Shayari

Love Shayari 


फ़िर से शायरी लिकुन, फ़र से हम तराह लिख़ुन,
तम कहो तुम्हारे नाम के साथ वफ़ाओं का तराना लिकुन,
तम कहो को वाही एहसा लिखुन
तम कहो तुम्हारे ख्वाबों का आना-जाना इसी तरह

तेरे जलवॉँ मुजपर ई हसेना कुच्छ आइसा असर हो गया,
क्या दुइया से मुख्य बेखबर हो गया!
दीखता ही न मुजे कुच्छ भी अब तेरे,
तू ही मेरी आखीरी मंजिल और तू ही हमसफर हो गया



हल अपन दिल का मुख्य तुझ सुनै ना पात हम,
जो सोंचा हूं रेता मुख्य दिनभर, लबों तक ला नहाता हूं,
बहोत प्यार है मेरे दिल में तेरे इ सनम,
लेकिन पात नहि त्यौं भय बिरति न पात हम

ना तो कोइ केसी करब होत हे,
ना हाय कोई कैसी सी हो गई है,
मोहब्बत खुदा ही चले करति है हमारा,
जो केसी ताकेदार होता है

मेरे दिल के धडकनो को
तनु दिलबर धडकना सिख दिया,
जब से मिली है मुहब्बत तेरी मेरी दिल को,
गाम न भई हंसा सखा दीया

तम्हे दीखने के लिए दिल तराशा है,
तुमहारे सुतज़ार में मेरा दिल तड़पता है,
क्या कहूं मुख्य आप पागल है दिल को?
म्हारा होकर भी तुझे लारै है ढाडकता है

लब बायन न कर सकत जो फसाना दिल का,
शयद आंखन से ही वो बाते हो जाए,
क्या उम्मेद मेँ कर्ता हूँ मुख्य पूर्णत:
की शयाद ख्वाब मे अनसे मुलाकात हो जाए

काश की कोई ख़ुशियाँ नहीं दुकाँती होति,
ह्यूमिन हम दुकाँ की चंचन होति,
ख्रीस्त लेटे हम हर ख़ुशी से सनम के,

ई खुदा तू मेरी दुआ में इना से असर करदे,
मेरी ख़ुशीयाँ यूडी यूरी यूके गाम मुज़े नज़र करदे,
दिलों से हमरे द्वारियें का आसार मीता दे
हां फिर हमारे आँचल को मेरा कफन करदे

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